Thursday, 13 October 2016

वीर सपूतों का बलिदान


   'वीर सपूतों का बलिदान'
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भारत माँ के लाडले वीर सपूत
उरी में जब शहीद हुए
हर आँख में आए थे आँसू
सिर श्रद्धा से थे झुके हुए।

पाकिस्तान में पोषित आतंकी
दुष्टों ने था छुपकर वार किया
नीच ,कायर,मक्कारों नें यह 
बड़ा ही कुत्सित काम किया।

कर दिया मानवता को शर्मसार
हिंसा का तांडव मचा दिया
क्रूर , हिंसक उन आतंकी  दरिन्दों ने
हा ! यह कैसा घोर अनर्थ किया।

सैन्य शिविरों में आग लगा करके
सोते वीरों पर मुँह-अँधेरे वार किया ।
पशुता की पराकाष्ठा तक पहुँच गए
धरती का आँचल लहुलुहान किया ।

यह आँच शिविरों से उठी आज
लग रही भारत के कोने-कोने में।
बदले की ज्वाला धधक रही
हम सब भारतीयों के सीनों में।

देश का बच्चा-बच्चा भी उद्यत है
वीरों के लहू का बदला लेने को।
हर दिल में अगन भभकती है
अब दुश्मन का घर धधकाने को।

वार्ता-समझाइश से कुछ काम न होगा
लोहा लेना होगा सीमा पर अब डटकर।
बदले में आग लगा उसे जलाना होगा।
दुश्मन की छाती पर सीधे चढ़कर

संकल्प करो अमर शहीदों का
बलिदान व्यर्थ ना  जाने देंगे सब।
पाक के नापाक इरादों की बारूद में
आँच लगा अब ख़ाक बना देंगे हम।।
( भारतीय वीर शहीदों को श्रद्धॉंजलि स्वरूप)
द्वारा - प्रेरणा शर्मा
19-09-16

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